Personality Development Tips In Hindi | पर्सनालिटी डेवलपमेंट टिप्स इन हिंदी

By | January 14, 2022

पर्सनालिटी डेवलपमेंट के टिप्स, जानिए अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे करें

Table of Contents

Personality Development Tips In Hindi व्यक्तित्व विकास कैसे करे ? अपने व्यक्तित्व को निखारने के लिए आपको थोड़ा सा जागरूक होने की जरुरत हैं साथ ही थोड़े से कॉन्फिडेंस की |Personality Development kaise karen

Personality Development Tips In Hindi :    

जब भी हम पहली बार किसी व्यक्ति से मिलते हैं या जब कोई अपना परिचय हमसे कराता है तो हम सबसे पहले उस व्यक्ति के पर्सनालिटी को ही जानते हैं। पर्सनालिटी यानि व्यक्तित्व एक ऐसी क्वालिटी है जो इंसान के व्यवहार , उसके बोलने का सलीका , उसकी चाल ढाल और रवैये के बारे में सब कुछ बता देती है। आज हम जानेंगे की अपनी पर्सनालिटी को डेवलप कैसे कर सकते है या अपने व्यक्तित्व का विकास कैसे कर सकते है।

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21 वी सदी में सफलता पाने का मूल मंत्र हैं Personality Development जिस व्यक्ति में कॉन्फिडेंस, लुक्स, लैंग्वेज पर कमांड जैसे स्किल्स है तो वो मंजिल तक पहुँच जाता हैं | आज के दौर में कामयाबी का मूलमंत्र हैं व्यक्तित्व विकास | इसके नाम से ही कई लोग लाखों कमा लेते हैं | हर गली मोहल्ले में Personality Development की क्लास का बोर्ड लगा हुआ हैं |

इस आर्टिकल में हम बात करेंगे –

  1. पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्या है?

  2. पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्यों जरुरी है?

  3. पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैसे करें?

इसी आर्टिकल को इंग्लिश में पढ़े :- Personality Development Tips 

 

1. पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्या है ?

पर्सनालिटी डेवलपमेंट का मतलब होता है अपने अंदर के बेहतर इंसान को बाहर लाना , यानि व्यक्तित्व का विकास। पर्सनालिटी डेवलपमेंट में आपको अपनी आदते , पर्सनल बिहेवियर, ऐटिटूड(Attitude ), प्रस्तुति का तरीका(WAY OF PRESENTATION ) , लोगों से बात करने का सलीका और ऐसी ही बहुत सी चीज़ों को सीखते और सुधारते है।

पर्सनालिटी डेवलपमेंट आपके स्वभाव और व्यवहार में एक सकारात्मक बदलाव आता है और ये केवल आप पर ही सकारात्मक असर नहीं डालता बल्कि आपके आस पास के लोगों का भी आपके तरफ एक सकारात्मक रवैया विकसित होता है। उनका आपकी और देखने का नजरिया बदलने लगता है।

जब भी हम व्यक्तित्व विकास की बात करते हैं तो हमें अपने अंदर इन गुणों का विकास करना होता है

  • आत्म विश्लेषण , पहले आप अपने आप को समझे ,अपना चरित्र को और अपनी आदतों को समझें।
  • अपनी पर्सनालिटी को समझना , जैसे आपकी आदते आपका समाज के प्रति नजरिया
  • अपने टैलेंट को डेवलप ( SKILL DEVELOPMENT ) करना यानी अपनी क्षमता को उभारना , ( IMPROVE YOUR CAPABILITIES )
  • दुसरो से अच्छे से व्यवहार करना और अपने प्रेजेंटेशन स्किल (PRESENTATION SKILLS ) , या बातचीत करने के तरीके को सुधारना
  • क्षमता की पहचान यानि अपनी काबिलियत को पहचानना।
  • रिस्पांसिबिलिटी अवेयरनेस -यानि दूसरों के प्रति आपकी क्या जिम्मेदारियां है।
  • अपने जीवन के स्तर को बेहतर करना यानि हेल्थ, हैप्पीनेस और कम्फर्ट को बेहतर बनाना।
  • अपने शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य में सुधार करना।
  • समाज की या घर वालो की जो आपसे उमीदे है , उस पर खरा उतरना

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2. पर्सनालिटी डेवलपमेंट क्यों जरुरी है ?

पर्सोनलिटी डेवलपमेंट एक ऐसा शब्द है , जिस के बारे में आपने खूब सुना होगा , लेकिन अब आपके मन में विचार आ रहा होगा क्यों जरुरी है अपने व्यक्तित्व का विकास करना और इससे मेरा क्या फायदा होगा।

बनाएं अपनी अलग पहचान

जब आपकी पर्सनालिटी बढ़िया होती है लोग आपसे जुड़ना चाहते हैं और आपकी ही तरह बनना चाहते हैं। ऐसा आपने भी कभी न कभी किसी इवेंट या फंक्शन में किसी के लिए महसूस जरूर किया होगा , जब आप किसी कि पर्सनालिटी से बहुत प्रभावित होते है , और आप उनके आस पास रहना चाहते है। क्योकि जब आपकी पर्सनालिटी इम्प्रेसिव होती है तो आप दूसरों की तुलना में बेहतर ज़िन्दगी जीते हैं। और लोगों के मन में आपके लिए एक पॉजिटिव सोच बनती है

जीवन से तनाव और मतभेद को दूर करें

पर्सनालिटी डेवलपमेंट से आप बेहतर तरीके से ज़िन्दगी जी सकते है। आपकी सोच अपनी जीवन-शैली और ज़िन्दगी के प्रति बदल जाती है और आप लाइफ में जो है उस पर धयान देते है , नाकि जो आपके जीवन में कमी है जिसके वजह से आप ज्यादा खुश रहते हैं और पॉजिटिव सोच और खुशी आपके जीवन में तनाव को ऐसे ही कम कर देती है।

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लाइफ से नेगेटिविटी को दूर करे

सोच को हमेशा सकारात्मक ही रखना चाहिए ,क्योकि अगर आप भी नकारात्मक रवैया रखते हैं, तो आप लाइफ के हर काम में प्रोब्लम्स ही पाएंगे। मुश्किलें हर इंसान कि जिंदगी मे आती है लेकिन जिस इंसान के अंदर सकारात्मक रवैया होता है वो हर मुश्किल में कैसे भी उस मुश्किल से बाहर निकलने का उपाय ढूंढ लेता है। और इस सोच से आप लाइफ में हमेशा आगे बढ़ते हैं।

कौशल का विकास करें और आत्मविश्वास बढ़ायें

आप जिंदगी में कि हमेशा कोई न कोई नया स्किल सीखते जाए , रुके नहीं , लाइफ में हर मुकाम पर कुछ नया सीखने को मिलेगा , क्योकि जब आप सबसे हुनरमंद इंसान होंगे, तो जिंदगी में आपको कोई भी आगे बढ़ने से रोक नहीं पायेगा , हुनरमंद इंसान कि हर जगह पूछ होती है ,

जैसे आपने देखा होगा की क्लास में या किसी ऑफिस में , कोई एक ऐसा होता है या होती है। जिससे सब कुछ न कुछ पूछते रहते है , की ये कैसे करना है ,या ये कैसे होगा, तो आपने देखा होगा , की उस इंसान की इज्जत आपकी नजरो में बढ़ जाती ह। क्योकि जिसे सब कुछ आता है , सब उससे जुड़ना चाहते है। तो क्या आप नहीं चाहते की ऑफिस में या कॉलेज में आपकी भी ऐसे इमेज हो , की सब आपको इज्जत भरी नजरो से देखे , और सब आप से कुछ न कुछ पूछते रहे , क्योकि आप सबसे ज्यादा स्किल्ड इंसान है वहाँ के

3. पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैसे करें ?

अब जब आप समझ गए हैं के व्यक्तित्व विकास के क्या फायदे हैं , तो अब आपके मन में ये आ रहा होगा कि , कि आखिर पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैसे करे ?

तो इसका जवाब है के आपको अपनी अपने लाइफ में कुछ बदलाव करने होंगे , जिससे आपका व्यक्तित्व अच्छी से तैयार होने लगेगा। तो वो क्या बदलाव है , जिससे आप भी लाइफ में एक स्ट्रांग और अलग पर्सनालिटी बना सकते हैं, जिसे हर कोई चाहे।

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A. कम्युनिकेशन स्किल को इम्प्रूव करें

सबसे पहली बात जो बहुत जरुरी है वो है की आप किसी से कैसे बात करते हैं। आप ऐसे बोले कि सामने वाला आपसे इम्प्रेस हुए बिना रह ना पाए , क्योकि जब भी आप किसी अनजान व्यक्ति से मिलते हैं और बातचीत करते है , तो कई बार वो व्यक्ति आपसे अच्छी तरह बात नहीं करता है तो उस इंसान से बात करने का आपका मन नहीं करता , अगर वही व्यक्ति आपसे ऐसे बात करता है कि आपका दिल खुश हो जाता है तो आपके मन में उस व्यक्ति कि पर्सनालिटी के बारे में अच्छे विचार ही आएंगे।

यही बात आपको भी ध्यान रखनी है के आप हर किसी से ऐसे बात करे कि वो आपसे इम्प्रेस हुए बिना रह ना पाए , तो जानते है क्या है वो बदलाव हैं जिनसे आप अपने बात करने के तरीके को इम्प्रूव कर सकते हैं –

  • हमेशा अपनी आवाज़ को मधुर और मीठी रखें और न ही धीरे बोलें और न ही तेज़।
  • कुछ भी बोलने से पहले सोचें कि आपकी बोली हुई बात सामने वाले को बुरी तो नहीं लगेगी
  • सामने वाले इंसान की तरफ देखकर ही बात करें।
  • दूसरे कि बात को ध्यान से सुने , आप जितने ध्यान से सामने वाले की बात को सुनेंगे आपकी बात को भी सामने वाला उतना ही ध्यान से सुनेगा। इसलिए बोलने से ज्यादा सुनने की क्षमता को बढ़ाएं।
  • इंग्लिश लैंग्वेज का भी बोलना आना और जानना जरुरी है। इसीलिए कोशिश करें कि आप इंग्लिश बोलना भी सीखें जिसके लिए आप मैगजीन्स पढ़ें, बुक्स पढ़ें, और अपने दोस्तों से इंग्लिश में बात करने का प्रयास करे।
  • काम बोले, किसी भी बात को कम शब्दों में समझाने की कोशिश करें।

 

B. बॉडी लैंग्वेज को भी इम्प्रूव करें

बॉडी लैंग्वेज का मतलब है के आपका शारीरिक हाव-भाव कैसा है। इसमें आपको काफी चीज़ों का ध्यान रखना होता है जैसे –

आजकल बड़े बड़े शहरो के अमीर घरो के बच्चो को तो स्पेशली ये कोर्स ज्वाइन करवाया जाता है , क्योकि शरीर कि भी भाषा होती है ,जिससे सामने वाला आपके बारे में अपनी सोच बनता है , जैसे इंटरव्यूज में आजकल कैंडिडेट को बहुत दूर बिठाया जाता है , उसके आगे कोई मेज नहीं होती है , इंटरव्यू पैनल में 4 -5 लोग होते है ,

उनमे से एक इसी चीज को ऑब्जर्व करता रहता है , जैसे आप अपने एक हाथ से दूसरे हाथ कि उंगलिया पकड़ के मोड़ रहे हो , एक पैर के ऊपर दूसरा पैर बार बार रख रहे हो , आपके चेहरे पर क्या भाव आ रहे है , आप कितने नर्वस हो ,

इसलिए बॉडी लैंग्वेज को इम्प्रूव करना भी बहुत जरुरी है , ये भी पर्सनालिटी डेवलपमेंट का ही पार्ट है ,

  • आप अपने बैठने के तरीके को सुधारें। जब भी आप किसी के सामने बैठे तो ऐसे बैठें के सामने वाले को देखकर ऐसा न लगे के आप अपने घर में बैठे हैं। बैठने के तरीके को प्रोफेशनल रखें।
  • चलते वक़्त भी ध्यान रखें के आराम से चलें और किसी और को धक्का देते हुए न चलें।
  • जब भी हँसे तो ऐसे हसें जिसमें ज्यादा आवाज़ न हो। मगर इसका मतलब ये नहीं की आप खुलकर न हंसे। बस आपके हंसने से किसी और को आपत्ति न हो।
  • जब आप किसी के सामने खड़े हैं, तो ऐसे खड़े न हो जिससे लगे कि आपमें बहुत ज्यादा ऐटिटूड है। पॉकेट में हाथ रखकर या वैसे ही मिलते-जुलते तरीके से खड़े होने पे ऐसा लग सकता है के आपमें जरुरत से ज्यादा अकड़ है। इसीलिए ऐसा न करे।
  • किसी से बात करते वक़्त या कुछ समझते वक़्त बहुत ज्यादा हाथों से बात को एक्सप्रेस करने की कोशिश न करें।

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C. ड्रेसिंग सेंस को सुधारें

ड्रेसिंग सेंस का मतलब है समय , स्थान और स्थिति के अनुसार आपकी ड्रेस होनी चाहिए ,अब मान लीजिए आप किसी ऑफिस मीटिंग में जा रहे हैं उस वक़्त अगर आप कोई ऐसा कपड़ा पहन लेते हैं जिसमें पार्टी वियर का लुक आ रहा हो तो आपने गलत कपड़े पहने हैं। इसीलिए ड्रेसिंग सेंस इम्प्रूव करने के लिए इन कुछ बातों का ध्यान रखें –

  • जब भी आप किसी ऑफिसियल मीटिंग में या प्रोफेशनल जगह जा रहे हो तो साफ़-सुथरे और सभ्य कपड़े पहन कर जाएं।
  • अगर आप किसी पार्टी में जा रहे हैं तो पार्टी वियर कपड़े पहने, फॉर्मल कपड़े ना पहनें।
  • जब भी बाहर निकले तो घर के बाहर पहनने वाले कपड़ों में ही निकलें। नाईट ड्रेस या घर के कपड़ो में न निकलें।
  • आप हमेशा वेल ड्रेस्ड हो , कपड़े हमेशा प्रेस किये हुए हो और उनमें दाग धब्बे न लगे हों।

D.लुक्स पर भी ध्यान दें

लुक्स का मतलब दिखावा नहीं है , इसका मतलब है कि आप कैसे अपने आप को मेन्टेन करते हैं। लुक्स का मतलब आपके रंग रूप से बिलकुल भी नहीं है इसमें आपके रंग से फर्क नहीं पड़ता। मगर इन कुछ बातों का ध्यान रखना आपके पर्सनालिटी के लिए अच्छा है –

  1. जब भी बाहर जाएं अपने बालों को अच्छे से कंघी करके जाएं। बिखरे हुए बालों से आपका इम्प्रैशन अच्छा नहीं बनता।
  2. पर्सनल हाईजीन (HYGINE ) का ध्यान रखे। मतलब अपनी शरीर कि साफ सफाई का ध्यान रखे।
  3. नेल्स को साफ़ रखे। उचित आकार के और साफ़-सुथरे नाखून से भी आपका लुक इम्प्रूव होता है।
  4. बहुत ज्यादा मेकअप न करें। परिस्थिति के अनुसार मेक-अप करें, जैसे ऑफिस में आपका मेकअप लाइट होना चाहिए और कहीं बाहर जाते वक़्त भी अपना मेकअप करें कि आपका चेहरा अजीब दिखने न लगे।
  5. अपने फुटवियर को भी ऐसा रखें जो आपके ड्रेस से मैच करे। जैसे फॉर्मल कपड़ों पे फॉर्मल शू या सैंडलस ही अच्छे लगते हैं। उनपे ज्यादा चमकीले या रंग बिरंगे फुटवेयर्स अच्छे नहीं लगते।
  6. अपने आप को ग्रूम करके रखें। किसी भी पेशेवर क्षेत्र में आप देखेंगे के लोगों के बाल सही से सेट होते हैं, बॉडी मैनटैनेड होती है, कपड़े अच्छे से पहने हुए होते हैं और ये चीज़ें किसी को भी पहली नज़र में प्रभावित करती है।

E. लोगों से अच्छा व्यवहार करे

आपका व्यवहार आपके व्यक्तित्व के लिए बहुत महत्वपूर्ण है। आपका व्यवहार आपके व्यक्तित्व का आइना है। जैसे आइना झूठ नहीं बोलता , वैसे ही आपका व्यवहार आपके चरित्र के बारे में बहुत कुछ बताता है। इसलिए अपने व्यक्तित्व से जुड़ी इन बातों का ध्यान रखें –

  • सबसे सम्मान से व नम्रता पूर्वक बात करें। चाहे वो बड़ा हो या छोटा, गरीब हो या अमीर , आपका व्यवयार सबके प्रति एक जैसा होना चहिये।
    जब भी आप किसी से मिले तो उसे नमस्कार करें और स्माइल करके बात करे यानि किसी से मिलने पर उसे “हाय”, “हैलो”, “गुड मॉर्निंग”, “गुड इवनिंग” वग़ैरह विश जरूर करे
  • चाहे सामने वाला कुछ गलत भी कर रहा हो तो भी किसी से भी अशिष्टतापूर्वक बात न करें। अगर आपको ऐसा लगता है कि सामने वाला कुछ गलत कर रहा है तो उसे आराम से समझाएं न की उस पर चिल्लाएं नहीं ।
  • हमेशा समय पर पहुंचे , अगर आपने किसी को टाइम दिया हुआ है, या मीटिंग के लिए कोई समय निर्धारित किया है, तो उसी समय पर पहुंचे। किसी को इंतजार करवाना अच्छी बात नहीं होती।
  • बहस न करें, पहले पूरी बात को सुने, समझे और फिर लगे कि कोई बात गलत है तो ही बोलें।

F.आत्मविश्वास को बढ़ाएं

आत्मविश्वास सफलता कि कुंजी है , आत्मविश्वास का मतलब है अपने ऊपर विश्वास, और जब आपको अपने ऊपर ही विश्वास नहीं होगा , तो आप दुसरो को क्या विश्वास दिलवा पाओगे , आप ऊपर दी गई सभी बातो को जब फॉलो करेंगे तो वैसे भी आपका आत्मविश्वास बढ़ जायेगा। लेकिन फिर भी आप इन पॉइंट्स को ध्यान रखे।

हर किसी को अपनी ताकत और कमजोरियों का पता होना चाहिए , क्योकि जब आपको अपनी ताकत का पता होगा तो वो अपने आप आपकी आत्मविश्वास बढ़ाने का एक कारण बनेगा और जब आपको अपनी कमजोरिया पता होंगी तो आप उनको दूर भी कर पाओगे।

  • हमेशा मुस्कुराते करें। मुस्कुराता चेहरा हर किसी को पसंद आता है और लोग आपसे बात करना चाहेंगे तो ये आपके कॉन्फिडेंस को बढ़ाएगा

 

  • अपनी नॉलेज ( KNOWLEDGE ) हमेशा अपडेट रखे , जिसे किसी भी बात कि नॉलेज कम होती है , तो वो हमेशा चुप रहेगा , लेकिन जिसे नॉलेज होगी , वो पूरी डिटेल में बात बता सकता है इसलिए आप जो भी काम करते हैं, पढाई या नौकरी, आपको अपने कोर्स या अपने जॉब की पूरी जानकारी होनी चहिये। ताकि कोई आपसे कुछ भी पूछे तो आप परेशान न हो और उसका जवाब दे सकें।

 

  • हमेशा मुश्किल काम पहले करें और आसान काम बाद में। क्योकि आसान काम तो आप बाद में भी कर लोगे , लेकिन अगर बाद में टाइम कम होगा और मुश्किल काम बच जाएगा तो आपका कॉन्फिडेंस कम होने लगेगा

 

  • डर के न जियें। हर गलती कुछ नया सबक देकर जाती है , और गलतियां हर किसी से हो सकती है। इसलिए अपनी गलतियों से सबक ले और आगे बढ़ें। हर काम किसी न किसी के लिए कभी न कभी नया ही होता है मगर उस काम को करते-करते आप उसे आसानी से सीख जाते हैं।

 

  • कॉन्फिडेंस बढ़ाने के लिए आपको नए स्किल्स सीखने भी बहुत जरुरी है। जितनी ज्यादा स्किल्स आपमें होंगी उतना ही आपका आत्मविश्वास बढ़ेगा। स्किल डेवलपमेंट पर हमेशा कुछ न कुछ करते रहे यानि हमेशा कुछ न कुछ नया सीखते रहे
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G.पढ़ने की आदत बनाये :

पढ़ने से ज्ञान बढ़ता हैं और वाक शक्ति बढ़ती हैं | मतलब भाषा प्रभावशाली होती हैं | पढ़ने से सामान्य ज्ञान बढ़ता हैं , और अगर आपके अंदर नॉलेज है , तो आपका प्रभाव सामने वाले पर अच्छा पढ़ता हैं | अगर आपका ज्ञान अच्छा होगा तो आपको खुद में आत्मविश्वास महसूस होगा | पढ़ने से इंसान सीखता हैं और सीखने की किसी भी वस्तु से व्यक्तित्व का विकास होता हैं |और पढ़ने से आप अपडेट भी रहते हैं और वर्तमान में क्या चल रहा हैं ये आपको पता रहेगा , इससे लोग आपको इज्जत कि नजरो से देखने लग जाते है।

H.सुनने की आदत डाले :

इंग्लिश कि एक कहावत है CHOOSE TO LISTEN RATHER THAN TO TALK , मतलब बोलने से ज्यादा सुनने को प्रेफर करो कई लोगो को पूरी बात सुनने की आदत नहीं रहती | तो वो कभी भी किसी की पूरी बात नहीं सुनते | जिससे उनकी छवि तो बिगड़ती ही हैं साथ ही काम भी गलत होने लग जाते है। इसलिए एक अच्छा श्रोता बनना बहुत जरुरी हैं |

कहा जाता हैं इंसान जितना खुद से नहीं सीखता उससे ज्यादा किसी को सुनने से उसका ज्ञान बढ़ता हैं | यह भी सिद्ध हुआ हैं कि सुनी हुई बाते ज्यादा याद रहती हैं | अतः एक अच्छे श्रोता बनोगे तो तुम्हे वो ज्ञान भी मिलेगा जो दूसरों के पास हैं | जिस इंसान में सुनने की क्षमता होती हैं वो ही गलतियों को सुधारता हैं

I.बॉडी लैंग्वेज पर काम करे :

व्यक्ति के बोलने,उठने, बैठने के तरीके से उसके व्यक्तित्व की झलक दिख जाती हैं | इस पर काम जरूर करे | अपने बोलने का ,बैठने का
स्टाइल सही करे, आपके चलने का तरीका सही होना चाहिए , जैसे कुछ लोग ज्यादा हाथ हिला कर चलते है और कुछ लोग , एक हाथ हिला कर चलते है , कुछ अजीब तरीके से गर्दन हिलाते रहते है चलते समय , ऐसी सभी आदते बदलनी होंगी ,

आप दुसरो को observe करे , तथा अपने रूम में , या अकेले में अपने आप को सही करे , कई लोगो का खड़े होने का तरीका( POSTURE ) सही नहीं होता , आप ध्यान से उन लोगो को देखे जो आपको सही लगते है , या टीवी में आप celebrities ( एक्टर, एंकर ) आदि को ध्यान से देखे , और अपने में सुधार करे | अतः ऐसी कमियों को पहचाने एवम उनको सुधारें | इससे आपका विकास होगा | अपने आपको को सीमित दायरे से बाहर निकालना भी व्यक्तित्व विकास का एक हिस्सा हैं |

J.चेहरे के भाव को नियंत्रित रखे :

किसी से भी मुस्कुराकर मिले | भले आपका मूड ख़राब हो | आप परेशान हो लेकिन इसका अहसास किसी को ना होने दे | इससे लोग आपको पसंद करते हैं आपकी तारीफ भी करते हैं | कभी-कभी हमें किन्ही बातों पर गुस्सा आ जाता हैं और वो हमारे चेहरे पर दिखने लगता हैं या कोई बात बुरी लगने पर हमारे चेहरे पर दिखने लगता हैं यह भाव आपके व्यक्तित्व को गलत तरह से सबके सामने रखते हैं इसलिए अपने भावों को नियंत्रित करें | एक्सप्रेशन या चेहरे के भाव भी आपकी Personality Development में सहायक होते हैं |

अगर आप ऊपर बताई गयी सारी बातें अप्लाई करते है , तो हमें पूरा विश्वास है कि आप का व्यक्तित्व निखर के आएगा , और लोग आपसे पूछेंगे कि “आप कर क्या रहे हो ” ये ” आप कर क्या रही हो ” तो अगर आप मन से चाहते हैं अपनी पर्सनालिटी को इम्प्रूव करना।

अगर आप मन में ठान लें कि आपको भी अपनी एक अलग पहचान बनानी है और बाकियों से अलग बनना है तो मान लीजिये के कुछ हद तक आपने अपने व्यक्तित्व का विकास कर लिया है क्यूंकि किसी काम को पूरी डेडिकेशन के साथ से करना भी आपके व्यक्तित्व का एक हिस्सा है।

Q. पर्सनालिटी डेवलपमेंट कैसे किया जाए?
ANS: आप हमारे इस आर्टिकल को ध्यान से पड़े और अमल में लाये।

Q. व्यक्तित्व विकास से क्या समझते है?
ANS: व्यक्ति के आचरण -व्यवहार, शिक्षा, योग्यता, शालीनता, पहनावा, उदारता, त्याग, क्षमा, बोद्धिकता जैसे तत्वों को अपनाकर जो अपनी छवि को औरो से अलग प्रस्तुत करता है इसे ही व्यक्तित्व विकास कहा जाता है!

Q. व्यक्तित्व के 5 गुण कौन कौन से हैं?
ANS: व्यक्तित्व के 5 गुण
शारीरिक गुण
मानसिक गुण
सामाजिक गुण
संवेगात्मक गुण
चारित्रिक गुण

Q. पर्सनैलिटी का क्या मतलब होता है?
ANS: व्यक्तित्व अंग्रेजी के ‘Personality’ शब्द का रूपांतरण है। अंग्रेजी में पर्सनालिटी शब्द की उत्पत्ति यूनानी भाषा की परसोंना (Persona) शब्द से हुई है।

Q. व्यक्तित्व विकास के 5 चरण कौन से हैं?
ANS: व्यक्तित्व विकास पाँच मनोवैज्ञानिक चरणों के दौरान होता है, जो मौखिक, गुदा, लैंगिक, विलंबता और जननांग चरण हैं।

Q. व्यक्तिगत विकास के 3 पहलू क्या हैं?
ANS: शारीरिक, मानसिक और भावनात्मक

Q. व्यक्तित्व को प्रभावित करने वाले 4 कारक कौन से हैं?
ANS: व्यक्तित्व के 4 प्रमुख निर्धारक हैं जिनमें भौतिक वातावरण, आनुवंशिकता, अनुभव और संस्कृति

Q. व्यक्तित्व विकास कितने प्रकार के होते हैं?
ANS: अन्तर्मुखी, बहिर्मुखी, उभयमुखी

 

आप भी आज ही अपना  पर्सनालिटी डेवलपमेंट प्रोग्राम स्टार्ट कर सकते है। और अपनी जिंदगी बदल सकते है। , आप बस हिम्मत जुटाइये , और तैयार हो जाइये समाज में , अपनी अलग पहचान और हस्ती बनाने के लिए .
पर्सनालिटी डेवलपमेंट करने के लिए उम्र की कोई लिमिट नहीं है. आप किसी भी उम्र के है, कहीं भी रहते है, चाहे शहर या गाँव आप का ये हक़ है , कि लोग आपको इज्जत भरी नजरो से देखे।
हमारा इस आर्टिकल बहुत सी जिन्दगियो को बदल देगा , शायद आपकी भी ,ऐसी हम उम्मीद करते है

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