Rahim ke Dohe in Hindi
छमा बड़न को चाहिये, छोटन को उतपात।कह रहीम हरि का घट्यौ, जो भृगु मारी लात।। गहि सरनागति राम की, भवसागर की नाव।रहिमन जगत-उधार को, और ना कोऊ उपाय।। जेहि रहीम मन आपनो कीन्हो चारू चकोर।नीसी-बसर लाग्यो रह, कृष्ण्चंद्रा की ओर।। जो रहीम प्रकृति का करि सकत कुसंग।चंदन विष व्यापत नहीं लपटे रहत भुजंग।। तरूवर फल… Read More »