7-Qualities-So-You-Can-Get-Rid-Of-Every-Trouble | अगर आपके भीतर हैं ये सात गुण तो आप हर मुसीबत से पा सकते हैं छुटकारा
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Seven qualities so you can get rid of every trouble,अगर आपके भीतर हैं ये सात गुण तो आप हर मुसीबत से पा सकते हैं छुटकारा,7 qualities so you can get rid of every trouble, 7 problems solutions
दुनिया का हर इंसान खुश रहना चाहता है। अपनी जिंदगी को खुशी से बिताना चाहता है। लेकिन न चाहते हुए भी हर इंसान किसी न किसी परेशानी, मुसीबत, डर, तकलीफ और दुख को झेलता है। अक्सर हर इंसान के सामने उसके सामने ऐसी परिस्थितियां पैदा हो जाती हैं जिसका वह कभी सामना नहीं करना चाहता। और इसकी वजह से इंसान धीरे-धीरे मानसिक और शारीरिक रूप से कमजोर और परेशान होने लगता है।
इसलिए ऐसी स्थिति से निजात पाने के लिए हमारे शास्त्र और ग्रंथ हमारी मदद करते हैं और हमें अंदर से मजबूती प्रदान करते हैं। क्योंकि उन पौराणिक ग्रंथों में लिखा हर शब्द आपकी जिंदगी को नई ऊर्जा और सकारात्मकता प्रदान करता है। इसलिए उन्हें किसी भी सूरत में नजरअंदाज करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।
अब हम आपको बताते हैं कि उस दोहे के बारे में जिसे तुलसीदास जी ने लिखी है। इस दोहे को पढ़ने के बाद आपको आपकी हर परेशानी का समाधान मिल सकता है। इस दोहे में सात ऐसे गुण बताए गए हैं जो अगर आपके शामिल है तो फिर कोई भी परेशानी या मुसीबत आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकती। तो आइए जानते हैं कौन से हैं ये सात गुण
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दोहा
तुलसी साथी विपत्ति के विद्या, विनय, विवेक। साहस सुकृति सुसत्याव्रत राम भरोसे एक
– तुलसीदास ने अपने दोहे में पहला गुण विद्या को बताया है। दोहानुसार, अगर किसी भी व्यक्ति के पास ये गुण है तो वह अपने आपको हर मुसीबत से निकाल सकता है। उसे कोई भी संकट ज्यादा समय तक परेशान नहीं कर सकती।
– दोहे में दूसरा गुण विनय को बताया गया है। यानी कि अगर आप दूसरों के लिए अच्छा व्यवहार करते हैं और विनम्र रहते हैं तो कोई दुश्मन आपका कुछ नहीं बिगाड़ सकता। इसके उलट सारे दुश्मन आपके दोस्त बन जाएंगे। और कोई भी परेशानी खड़ी करने से पहले 10 बार सोचेंगे। इसके अलावा अगर ये गुण आपके भीतर मौजूद है तो आप दूसरों को भी परेशानी से बाहर निकाल सकते हैं।
– दोहा का तीसरा गुण विवेक यानी बुद्धि, जिन व्यक्तियों के पास बुद्धि होती है और सोचने-समझने की काबीलियत रखता है, वह हर परिस्थिति से खुद को निकाल सकता है। परेशानी आने से पहले ही वह अपनी बुद्धि का उपयोग कर समस्या का हल कर सकता है।
– दोहे का चौथा गुण साहस। यह एकमात्र ऐसा गुण है जो व्यक्ति को मुश्किल से मुश्किल परिस्थिति में भी हारने नहीं देता। अगर आपके भीतर ये गुण मौजूद है तो आप बड़ी से बड़ी मुश्किल से भी आसानी से निकल सकते हैं।
– दोहे का पांचवा गुण अच्छे कर्म। अगर आप कभी गलत का साथ नहीं देते, किसी का बुरा नहीं करते तो आपके साथ कभी बुरा नहीं हो सकता है और भगवान भी आपका साथ देते हैं।
-दोहे का छठां गुण सच बोलना। हमेशा सच बोलने की आदत डालें। क्योंकि झूठ बोलने की आदत हमेशा व्यक्ति को किसी न किसी परेशानी में ही डालती है। इसलिए कभी भी इस आदत को अपने अंदर न पनपने दें।
दोहे का सातवां गुण भगवान के प्रति आस्था। ये गुण आपके भीतर है तो आप हर मुश्किल से बच सकते हैं। जब आप किसी ऐसी स्थिति में हों जहां से निकलना मुश्किल पड़ जाए तो सिर्फ भगवान के प्रति आस्था ही आपकी रक्षा करता है और आपको सही मार्ग पर लेकर आता है।
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